गुदगदी क्या है? मस्ती या फिर एक सज़ा
गुदगदी क्या है? मस्ती या फिर एक सज़ा
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हमारे शरीर में कई तरह की प्रवृत्तियां देखी जा सकती हैं। जिनके बारे में शायद कभी हमने सोंचा भी नहीं होगा की आखिर ऐसा क्यों होता है। आमतौर पर जब हम आपस में या फिर किसी दोस्त या बच्चों से मस्ती करते हैं तो उसे मजाक-मजाक में गुदगुदी कर देते हैं। लेकिन हर जगह गुदगुदी को मस्ती के रूप में नहीं लिया जाता है इसे प्रताड़ित करने के लिए भी लिया जाता है।

अगर आप किसी की सहमति से उसे गुदगुदी कर रहे हैं तो यह कुछ रोमांटिक या खुशनुमा पलों को पैदा करेगा। और प्यार गुदगुदी करने की इच्छा पैदा करता है। और जो गुदगुदी बिना किसी के सहमति से हो तो इसमें एक को छोटे स्तर पर नुकसान पहुंचाने के लिए साथ किसी भी बात की सहमती के लिए किया जाता है। गुदगुदी प्रताड़ना यानी टिंकलिंग टार्चर में गुदगुदी का उपयोग किसी के साथ दुर्व्यवहार, हावी होने के प्रयास, अपमान करने की इच्छा या फिर शरारत करने का मन शामिल है।

प्राचीन समय की अगर बात करें तो चीन में पहले गुदगुदी करके प्रताड़ित किया जाता था और यह प्रताड़ित करने का एक तरीका था। और ऐसा हेन रातंत्र के राजाओं के दरबार में होता था। इस प्रकार की सजा को चायनीज टिकल टार्चर कहते हैं और यह समाज में खास ओहदा रखने वाले लोंगो को दी जाती थी। यह सजा इसलिए थी क्योंकि इससे पीड़ित को कम नुकसान होता था। इसका एक उदाहरण रोम में भी मिलता है इस सजा में किसी इंसान के पैरों को नमक के पानी में डुबाकर उन्हें एक बकरी के द्वारा साफ कराया जाता था, जो शुरुआत में गुदगुदी का एहसास देता था लेकिन बाद में बहुत दर्दनाक हो जाता था।

एक ऐसा देश, जहां मां और बेटी का होता है एक...

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