Feb 23 2017 06:53 AM
कलश को शुभ माना गया है और यही कारण होता है कि न केवल किसी पूजन पाठ में कलश की स्थापना की जाती है वहीं शुभ कार्यों में भी कलश की स्थापना होती है। यदि वैसे भी घर के पूजन स्थान या मंदिर में कलश की स्थापना की जाये तो मन की मुराद पूरी होती है तो वहीं सुख समृद्धि होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
कलश की स्थापना जब भी की जाये, शुभ मुर्हूत देखकर ही की जाना चाहिये। इसके अलावा कलश में शुद्ध जल भरकर रखा जाये तथा इसमें अच्छा श्रीफल अथवा नरियल को मौली अर्थात नाड़ा बांधकर रखे तो और भी बेहतर रहेगा। ज्योतिषियों का मानना है कि कलश स्थापना के बगैर न तो पूजन पाठ का ही उत्तम फल मिलता है और न ही पूजन स्थान या घर के मंदिर की पूर्णता ही रहती है।
इसलिये कलश स्थापना अवश्य ही करना चाहिये। ज्योतिषियों के अनुसार कलश का पानी और नरियल एक माह बाद किसी शुभ मुर्हूत में बदला जा सकता है। देवी देवताओं की पूजन के साथ ही कलश की भी पूजन नित्य की जाना चाहिये।
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