अपने लिए जीने वाले का मरण, दूसरों के लिए जीने वाले का स्मरण होता है
अपने लिए जीने वाले का मरण, दूसरों के लिए जीने वाले का स्मरण होता है
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उज्जैन। औरों के हित जो जीता है, औरों के हित जो मरता है, उसका हर आंसू रामायण, प्रत्येक कर्म ही गीता है। इसको इस तरह भी कहा जा सकता है कि अपने लिए जीने वाले का मरण, दूसरों के लिए जीने वाले का स्मरण होता है। हम यह सब इसलिए बता रहे हैं कि परम पूज्य गुरुदेव कहा करते थे कि बेटा हमने तुम्हें कीचड़, गंदी नाली से निकाला है, तराशा है देव मानव बनने की राह चलाया है, तुम्हारा जन्म लोककल्याण के लिए हुआ है।

यह उदगार अंकपात रोड़ स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर उज्जैन उपक्षोन स्तरीय कार्यकर्ता गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में मध्यक्षोन समन्वयक भोपाल शिवकुमार पाण्डेय ने व्यक्त किए। आपने बताया कि सृष्टि में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी अवतारी सत्ता ने अपने सहचरों को एक अंश का अवतार बनने की छूट दी हो। भोपाल से ही पधारे मध्यक्षोन के सहसंयोजक प्रभाकांत तिवारी ने शांतिकुज्ज हरिद्वार द्वारा निर्धारित आगामी कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि 4 जून को गायत्री जयंती पर्व पर प्रदेश में एक लाख स्थानों पर दीप यज्ञ किए जाने हैं, इस प्रकार प्रत्येक जिले में करीब दो हजार आयोजन सांयकाल 7 से 9 बजे तक किया जाना हैं। 21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रत्येक मंडल स्तर पर सामूहिक योगाभ्यास का आयोजन किया जाएगा।

दो हजार से अधिक दान देने वाले का पेन नंबर लेना होगा

वित्तीय अनुदानों की जानकारी देते हुए प्रभाकांत तिवारी ने बताया कि 250 रू. से अधिक का अनुदान देने वाले का पूरा नाम पता मो. नंबर रसीद कर लिखना होगा। दो हजार से अधिक के दानदाताओं से पेन नम्बर भी लेना होगा। यदि ऐसा नहीं किया गया तो 30 प्रतिशत टेक्स तथा 100 प्रतिशत पेनल्टी देय होगी। दस हजार से ज्यादा किसी एक व्यक्ति या संस्था को एक बर्ष में नगद भुगतान नहीं किया जा सकता है।

परख वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई

क्षिप्रा बचाने के लिए चलाया हस्ताक्षर अभियान

 

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