सुरेश प्रभु ने रेलवे के निजीकरण की संभावनाओं को ख़ारिज किया
सुरेश प्रभु ने रेलवे के निजीकरण की संभावनाओं को ख़ारिज किया
Share:

नई दिल्ली : रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे के निजीकरण की संभावनाओं को खारिज करते हुए कहा कि आम लोगों के हित को  नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है. उन्होंने  इसे जन सेवा के दायित्वों के निर्वहन से भी जोड़ा.

गौरतलब है कि जब सुरेश प्रभु से पूछा गया कि दीर्घकालिक दृष्टि अपनाने पर ऐसा लग रहा है कि रेलवे आम लोगों के परिवहन का किफायती माध्यम नहीं रहकर निजीकरण की राह पर चला जाएगा तो उन्होंने कहा कि भारत में ऐसा नहीं हो सकता. रेलवे एकमात्र माध्यम बना रहेगा. मेरे ख्याल से रेलवे आम लोगों के लिए परिवहन का अंतिम विकल्प है और हमें इस भार और जिम्मेदारी का निर्वहन करना है.

बता दें कि निजीकरण के विचार को खारिज करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि आप यह नहीं कह सकते हैं कि निजीकरण के द्वारा रेलवे की समस्याओं का समाधान संभव है. समाधान नतीजा आधारित कदम पर निर्भर होना चाहिए. दुनिया में बहुत कम रेलवे का निजीकरण हुआ है. आपने ब्रिटेन की रेलवे के एक हिस्से का निजीकरण का उदाहरण देते हुए कहा कि उसे इटली के रेलवे ने ख़रीदा ,जिसका नियंत्रण इटली की सरकार करती है. सरकारी संस्थाएं इसे खरीद रही हैं. उन्होंने सवाल किया कि कौन सी निजी कंपनी ऐसा करने में दिलचस्पी रखेगी.

जनसेवा के दायित्वों पर जोर देते हुए प्रभु ने विश्वभर की व्यवस्था की नजीर पेश की और कहा कि इसके लिए किसी को भुगतान करना है, जैसा कि दुनिया भर में हो रहा है. अगर आप जनसेवा कर रहे हैं तो वह केवल लोगों की सेवा है. इसलिए किसी को तो जनसेवा दायित्व का निर्वहन करना है और ऐसा पूरी दुनिया में होता है. इस मौके पर आपने भारतीय रेलवे की ओर से नीति आयोग से जनसेवा दायित्व के पहलू पर गौर करने को कहे जाने का भी जिक्र किया.

यह भी देखें

रेवाड़ी से दिल्ली और मुंबई की ओर रेल चलेगी साढ़े तीन सौ किलोमीटर प्रतिघंटा

ठेले पर मिलेगा Wi-Fi डाटा,लोग कहेगे थोड़ा डाटा देना !

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -