चिकित्सा शास्त्र में अनेक औषधियां हैं. जिनके सेवन से आप स्वस्थ्य और दीर्घायु रह सकते हैं. लेकिन धर्मशास्त्रों में भी कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं जिन्हें आजमाकर आप स्वस्थ हो सकते हैं
1-हाथों और पैरों पर बकरी का दूध मलने से अनिद्रा रोग दूर हो जाने की पूरी संभावाना रहती है.रक्तचाप की दशा में पांचमुखी रुद्राक्ष की माला गले में धारण करें. ध्यान रखें यह माला हृदय के पास तक जानी चाहिए.
2-पीपल के पत्ते या छाल बारीक पीसकर, उसमें शहद मिलाकर छालों पर लेप करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं.
3-यदि कोई काफी समय से रोगग्रस्त हो तो वह अपने पूजास्थल में किसी ज्योतिषाचार्य की अनुमति और उनके सानिध्य में 'श्री महामृत्युंजय यंत्र' की स्थापना करें. साथ ही महामृत्युंजय मंत्र {ऊं नमः शिवाय} का जप करते रहें.
4-यदि आपको चक्कर आते हैं तो रविवार या मंगलवार को गुलाबजल में 2 माशा गोरोचन ( शास्त्रों में तीन प्रकार की अष्टगन्ध का दूसरे प्रकार की अष्टगन्ध में अधोलिखित आठ पदार्थ होते हैं कुंकुम, अगर, कस्तुरी, चन्द्रभाग, त्रिपुरा, गोरोचन, तमाल, जल आदि. गोरोचन भी इन्हीं में से एक है.) पीसकर सेवन करें.