Jun 30 2016 11:43 AM
लंदन : तीन साल पहले तक इस नाम को कोई नहीं जानता था, न ही कोई उसके गुण-अवगुण से परिचित था। हम बात कर रहे है कि नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई की। तालिबानियों की गोली को अपने माथे पर खाने वाली मलाला पर एक किताब भी पब्लिश हुई थी, जिसका नाम आई एम मलाला था। अब इसी किताब की बिक्री और व्याख्यानों से होने वाली कमाई से बीते तीन वर्षो में मलाला का परिवार करोड़पति बन गया है।
तालिबानियों ने 18 वर्षीय मलाला को लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने पर सिर में गोली मार दी थी। मलाला ने आई एम मलाला नाम की किताब संडे टाइम्स की पत्रकार क्रिस्टिना लैंब के साथ मिलकर लिखी थी। मलाला की इस कहानी के अधिकारों की सुरक्षा के लिए गठित कंपनी के बैंक खाते में अगस्त 2015 में 22 लाख पाउंड थे और कर चुकाने से पहले उसका कुल लाभ 11 लाख पाउंड था।
मलाला के पिता जियाउद्दीन युसुफजई और उसकी मां तूर पेकाई कंपनी सालारजई लिमिटेड के ज्वाइंट शेयरहोल्डर हैं। 2014 में दुनिया में सबसे कम उम्र में नोबेल पाने वाली मलाला अपने पूरे परिवार के साथ ब्रिटेन के बर्मिंघम में रहती है औक एडगबॉस्टन हाइ स्कूल में पढ़ती है।
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