International Day Of Happiness : हर इन्सान अपने और अपनों के लिए ख़ुशी चाहता है
International Day Of Happiness : हर इन्सान अपने और अपनों के लिए ख़ुशी चाहता है
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किसी के भी चेहरे पर किसी भी तरह से एक प्यारी सी मुस्कुराहट, ख़ुशी की शुरुआत करना ही अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस माना जा सकता है, 20 मार्च आज अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस है, आज विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस (International Day Of Happiness)  मनाया जा रहा है. पहला अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस 20 मार्च 2013 को मनाया गया था, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसके लिए 2013 में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया जिसे नाम दिया गया था – Happiness: towards a holistic approach to development”.

किसी भी देश के नागरिकों के स्वास्थ्य, रोजगार और उनकी सुरक्षा आदि के मापदण्ड पर कोई देश किस मुकाम पर खड़ा है, इसका पता ग्रोथ रेट के आंकड़ों से नहीं चल सकता। इसका पता आपके देश के नागरिक कितने खुश, प्रसन्न है. वो अपने आस-पास कितनी खुशियां बाटंते है इन आंकड़ो से चलता है.

अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस क्या है इसके पीछे का कांसेप्ट कुछ इस प्रकार है. 

माना जाता है कि जब पहली बार अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस 20 मार्च 2013 को मनाया गया था तो इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने एंग्री बर्ड्स मोबाइल गेम के नेता लाल, को जलवायु परिवर्तन की रोकथाम और लोगो के बेहतर भविष्य के लिए काम करने हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से राजदूत नियुक्त किया। लाल की नियुक्ति, संयुक्त राष्ट्र द्वारा 18 मार्च 2016 को शुरू किया गया अभियान का एक हिस्सा है। 

वैसे इस अभियान का मकसद यही है कि संयुक्त राष्ट्र विश्व स्तर पर प्रसिद्ध पात्रों के जरिये जलवायु परिवर्तन और लोगों कि ख़ुशी और उनके हितों के साथ सीधा सम्बन्ध बनाने कि कोशिश करेगा. अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस की अवधारणा भूटान के ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस (जीएनएच) संकल्पना पर आधारित है। 1970 के दशक में भूटान के प्रधानमंत्री जिग्मे वाई थिनले ने जीएनएच की संकल्पना दी

इस भागदौड़ भरी जिंदगी मैं हर कोई ख़ुशी की तलाश में है क्योंकि हर कोई ख़ुश रहना चाहता है, अपने परिवार और बच्चों को ख़ुश देखना चाहता है. लेकिन सबसे पहला सवाल ये है कि ख़ुशी आख़िर है क्या. इतना तो हम सब जानते है कि हमारी लाइफ हर दिन पार्टी करने के लिए नहीं है, इस छोटी सी लाइफ में बहुत सी समस्याएँ होती हैं और उदासी भी आती है. प्रसन्नता, ख़ुशी के बारे में आम आदमी के विश्वास और विचार क्या होते हैं. 

इस बात पर ज़ोर देने की ज़रूरत है अगर इस दुनिया में सभी तरह के लोग ख़ुशी को प्रसन्नता को प्रायोरिटी बनाएँ और साथ ही सब मिलकर रहे किसी भी इंसान के बीच में एक दूसरे को लेकर भेदभाव, नस्लभेद न हो एक दूसरे कि बुराई ना करे सब अच्छे से रहे और साथ ही सभी लोग गरीबो के कल्याण के लिए कार्य करे उनका भी ध्यान रखे तो ये प्यारी सी ज़िन्दगी ख़ूबसूरत बन सकती है. और तब जाकर इस दुनिया में अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस मनाने का कुछ मतलब निकलेगा.  

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