नई दिल्ली : अप्रैल-जून माह तिमाही में जीडीपी की दर में गिरावट आई है। इससे लगता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रगति कुछ धीमी हो गई है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 7.1 फीसदी रही जबकि जीडीपी जनवरी-मार्च माह में 7.9 प्रतिशत थी इसके पूर्व वित्त वर्ष 2014-15 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 6.6 प्रतिशत थी। जीडीपी बढ़त में धीमेपन का प्रमुख कारण माइनिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर और कृषि क्षेत्र का धीमा प्रदर्शन बताया गया है।
जुलाई माह में 8 बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर कम होकर 3.2 प्रतिशत हो गई, इस वर्ष जून माह में यह दर 5.2 प्रतिशत थी। अप्रैल-जून माह की तिमाही में आर्थिक विकास दर काफी कम रही। ऐसे में देश की आर्थिक विकास दर में बढ़त काफी कम हुई। दरअसल खेती की विकास दर में काफी कमी आई। वित्त वर्ष 2017 की पहली तिमाही में खेती की विकास दर 2.6 प्रतिशत से कम होकर 1.8 प्रतिशत हो गई। मैन्यूफैक्चरिंग की विकास दर 7.3 प्रतिशत से बढकर 9.1 फीसदी हो गई है। एग्रीकल्चर, माइनिंग और कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी में जून र्क्वाटर के दौरान आई गिरावट का असर जीडीपी की ग्रोथ पर दिखाई दिया है।
माना जा रहा है कि जो गिरावट जीडीपी में हुई है वह कृषि, खनन, विनिर्माण आदि क्षेत्रों की कम ग्रोथ के कारण आई है। दूसरी ओर कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट विद्युत की वृद्धि दर जून माह में 5.2 प्रतिशत रही। यह सब देश के औद्योगिक उत्पादन में आधारभूत उद्योगों का 38 प्रतिशत है। मगर माना जा रहा है कि मानसून अच्छा रहने पर जीडीपी बढ़ सकती है।