होलाष्टक में नहीं करें कोई शुभ कार्य
होलाष्टक में नहीं करें कोई शुभ कार्य
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होली के आठ दिन पहले लगने वाले होलाष्टक मंे किसी तरह का शुभ कार्य नहीं करना चाहिये। इसकी सलाह ज्योतिषियों द्वारा दी जाती है, इसलिये इस बात का विशेष तौर से ध्यान रखने की जरूरत है कि होलाष्टक में न तो मांगलिक कार्य करें और न ही शुभ कार्य को तय करने पर बल दें। होलाष्टक के दौरान शुभ कार्य उचित फल नहीं देते है।

होलाष्टक की शुरूआत 5 मार्च से होगी और इसकी समाप्ति 12 मार्च होलिका पूजन के साथ मानी गई है। ज्योतिष से जुड़े विद्वानों का कहना है कि होलाष्ट में धर्म कर्म तो किया जा सकता है लेकिन शुभ कार्य बिल्कुल भी नहीं। गौरतलब है कि 12 मार्च को होलिका पूजन के साथ ही रात्रि को होलिका दहन होगा और दूसरे दिन 13 मार्च सोमवार के दिन धुलेण्डी का त्योहार धूमधाम से मनाया जायेगा। होलाष्टक सप्तमी तिथि से शुरू होगा जबकि समाप्ति का दिन पूर्णिमा रहेगा।

होलाष्टक के दौरान भागवत कथा श्रवण करने से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है वहीं भगवान को भी मनाने का यही ऐसा अवसर होता है जब भगवान भक्तों की प्रार्थना जल्द स्वीकार कर लेता है। होलाष्टक के दौरान शुभ कार्य ही नहीं बल्कि देव प्रतिष्ठा तक के भी कार्य ज्योतिष शास्त्र में वर्जित माने गये है।

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