क्रिसमस खुशी और हर्ष का त्यौहार
क्रिसमस खुशी और हर्ष का त्यौहार
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क्रिसमस ईसाइयो का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्यौहार है. इसदिन जीसस  क्राइस्ट का जन्म हुआ था.वैसे क्रिसमस पूरे विश्व में सभी धर्म के लोग मनाते है. इसे हर साल पूरे विश्व में दूसरे उत्सवों की ही तरह खुशी, हर्ष और जोश के साथ मनाया जाता है. ये हर साल 25 दिसंबर को आता है. 25 दिसंबर को यरूसलेम के बेथलेहेम के एक गोशाले में हुआ था. यीशु के पिता का नाम ज़ोसेफ और माँ का नाम मैरी था.


क्रिसमस की तैयारियां दिसंबर से ही शुरू हो जाती है. इसके लिए सभी लोग अपने घरों की सफाई करते है. इसके साथ ही चर्च की भी सफाई की जाती है और कलर किया जाता है. साफ सफाई के बाद डेकोरेशन किया जाता है. घर और चर्च दोनों में खास डेकोरेशन किया जाता है. सभी लोग अपने घरों में क्रिसमस ट्री लगते है. क्रिसमस ट्री को ढ़ेर सारे रंग-बिरंगे रोशनीयों, सीनरी, मोमबत्तियाँ, फूल और दूसरी सजावटी चीजों से सजाया जाता है. 

इस ट्री के नीचे बच्चों और परिवार के सदस्यों के लिए गिफ्ट रखे जाते है. सभी एक साथ इस उत्सव में शामिल होते है चाहे वो गरीब हो या अमीर और खूब धमाचौकड़ी के साथ इसको मनाते है. इस अवसर सभी लोग पर अपने दोस्त, परिवार, रिशतेदारों और पड़ोसियों के साथ क्रिसमस के पेड़ के सामने खुशी मनाते है. क्रिसमस में शहर के मॉल को भी सजाया जाता है. इसका डेकोरेशन काफी आकसक होता है. कई जगहों पर इस दिन के लिए पार्टी की तैयारियां भी की जाती है.

क्रिसमस के दिन सभी क्रिस्चन सुबह चर्च जाते है. चर्च में भी कई प्रोग्राम होते है. चर्च के बाद मिलान सम्हरो का आयोजन हिय जाता है जिसमे सभी एक दूसरे से मिलते है. वैसे तो क्रिसमस से पहले दिसंबर के हर सन्डे चर्च में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. 

इस दिन पर अपने मित्रों और रिश्तेदारों को क्रिसमस के कार्ड देने की परंपरा है. सभी क्रिसमस भोज के बड़े उत्सव में शामिल होते है और अपने पारिवारिक सदस्यों और मित्रों के साथ खुशबुदार पकवानों का लुफ्त उठाते है.  बच्चे इस दिन का बहुत उत्सुकता से इंतजार करते है क्योंकि उनको ढ़ेर सारे उपहार और चॉकलेट मिलते है. क्रिसमस का उत्सव स्कूल और कॉलेजों में एक दिन पहले 24 दिसंबर को मनाया जाता है, उस दिन बच्चे सांता क्लाज की ड्रेस या टोपी पहनकर स्कूल जाते है.

इस दिन को लोग देर रात तक पार्टी का आयोजन होता है सभी अपने घरों में पार्टी करते है या फिर अपने रिस्तेदारो के घर पर जा कर क्रिसमार मानते है. इसके आलावा मॉल और रेस्टोरेंट में जाकर भी कुछ लोग इस दिन का आनंद उठाते है. ईसाई धर्म के लोग प्रभु येशु को मानते है. ऐसा माना जाता है कि यीशु परमेश्वर की संतान है. जब धरती पर पाप बाद गया तो लोगों को पाप से बचाने  के लिए परमेश्वर ने अपना  एकलौता पुत्र भेजा ताकि जो कोई भी उसपर विश्वास करे वो नाश न हो परन्तु अनंत  जीवन पाए.

परमेश्वर चाहते तो उनके के पुत्र का जन्म की आमिर परिवार में हो सकता था जिससे यीशु मसीह को कोई तकलीफ नहीं होती. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, यीशु का जन्म बहुत ही गरीब परिवार में हुआ. जन्म के समय इनके माता पिता के पास ठहरने की भी जगह नहीं थी. इसलिए एक गोशले में यीशु ने जन्म लिया. क्रिसमस के दिन सार्वजनिक और धार्मिक अवकाश होता है जब लगभग सभी सरकारी और गैर-सरकारी संस्थान बंद रहता है.

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