दोपहर में भस्मारती, दूल्हा बने भूत भावन महाकाल
दोपहर में भस्मारती, दूल्हा बने भूत भावन महाकाल
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उज्जैन। शनिवार को जहां भूत भावन भगवान महाकाल सेहरे में सजे तो वहीं दोपहर में भस्मारती भी हुई। दोपहर में भस्मारती का आनंद सिर्फ वर्ष में एक बार ही शिवरात्रि के दूसरे दिन बिखरता है। शनिवार को सुबह भक्तों का तांता मंदिर में लगा तथा राजाधिराज ने सेहरे में सजकर दूल्हे के रूप में श्रद्धालुओं को दर्शन देकर अभिभूत कर दिया।

गौरतलब है कि शुक्रवार को ही शिवरात्रि के अवसर पर महाकाल में करीब दो लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ लिये तो वहीं शिवरात्रि के दूसरे दिन शनिवार को भी सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार दर्शन के लिये लगी। शनिवार की सुबह दस बजे मंदिर के पुजारियों ने राजाधिराज महाकाल को सवा क्विंटल फूलों का सेहरा सजाकर दूल्हा बनाया। इस अद्भूत स्वरूप में दर्शन कर श्रद्धालु निहाल हो गये। इसके बाद दोपहर की भस्मारती संपन्न की गई। 

भस्मारती में उन्हीं लोगो को प्रवेश दिया गया था, जिन्हें अनुमति दी गई थी, अन्य लोगो से भस्मारती के एक घंटे पहले ही मंदिर  परिसर खाली करा लिय गया था। पुलिस प्रशासन ने मंदिर परिसर खाली कराने के लिये माइक पर श्रद्धालुओं से अनुरोध किया, बावजूद इसके कई श्रद्धालु पुलिस अधिकारियों से यह निवेदन करते रहे कि उन्हें दोपहर की भस्मारती के दर्शन का लाभ दिया जाये। चुंकि मामला अनुमति से जुड़ा हुआ था, इसलिये पुलिस अधिकारियों ने भी श्रद्धालुओं के हाथ जोड़कर मंदिर परिसर से बाहर किया। इधर सेहरे के फूल लेने हेतु भी श्रद्धालुओं में होड़ देखी गई।

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उमा महेश के स्वरूप में सजे राजाधिराज महाकाल

उत्साह से मनेगी शिवरात्रि, सज गया महाकाल का दरबार

 

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