PM मोदी के 'जय श्री राम' नारे का ओवैसी ने किया विरोध
PM मोदी के 'जय श्री राम' नारे का ओवैसी ने किया विरोध
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हैदराबाद : उत्तरप्रदेश चुनाव से पहले विभिन्न दलों के बीच सियासी घमासान हो रहा है। ऐसे में किसी को भगवान श्री राम याद आ रहे हैं तो कोई हिंदूत्व को भड़काने का आरोप दूसरे दल पर मढ़ रहा है। ऐसे में लोकप्रिय कवि स्व. हरिवंश राय बच्चन की कविताओं की पंक्तियां बरबस ही याद आ जाती हैं कि बैर कराते मंदिर-मस्ज़िद मेल कराती मधुशाला। जी हां, एमआईएम के प्रमुख व सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी की है।

उन्होंने अपनी बात कहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जय श्री राम के संबोधन को लेकर उनकी आलोचना की है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में दशहरा उत्सव रैली में उपस्थितों को देखकर जय श्री राम के जयकारे लगाए थे, जिस पर ओवैसी ने कहा कि भाजपा नेतृत्व की सरकार का वास्तविक अर्थ भारत को हिंदू राष्ट्र में परिवर्तित करना है।

ओवैसी द्वारा इस मामले में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिसने किसी जनसभा में धार्मिक तौर पर जयकारे लगाए हैं। यदि ऐसे ही नारे कोई दाढ़ी वाला और टोपी वाला प्रधानमंत्री बनने पर लगाए, और वह नारा अल्लाह हो अकबर हो तो फिर मीडिया और हर कहीं हंगामा हो जाएगा। मगर पीएम मोदी तो खुले तौर पर धार्मिक नारेबाजी कर रहे हैं। ओवैसी ने कहा कि धार्मिकतौर पर कार्य करने वाले दल भारत को हिंदू राष्ट्र में बदलने का प्रयास कर रहे हैं।

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